बढ़ते प्रदूषण और पेट्रोल डीजल की खपत को देखते हुए आज की दुनिया इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर अपनी आंखों का हुए हैं वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ भी कुछ समस्याएं हैं उन्हें समस्याओं के समाधान के लिए आज के इस लेख में हम बात करेंगे।
दुनिया भर मे इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए सरकारों सहित बहुत सी पर्यावरण संस्थाएं भी नए-नए उपायों के साथ आ रही है साथी व्हीकल कंपनियां भी अपने आप को इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चर करने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा कर रही है।
इसी कड़ी में अब मेकरी ग्रुप बेक्ड मैकरीय एसेट मैनेजमेंट ने भारत में फ्लीट इलेक्शन में और तू एंड सॉल्यूशन प्रदान करने वाला एक नया प्लेटफार्म वर्टेलो लांच किया है।
इस नई तकनीक से कंपनी का मकसद अपने ग्राहकों को लीजिंग और फाइनेंसिंग, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एवं एनर्जी सॉल्यूशन फ्लीट मैनेजमेंट सर्विसेज और एंड का व्हीकल लाइफ मैनेजमेंट सहित स्पेशल सॉल्यूशन प्रदान करके इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए फ्लीट ट्रांजिशन में तेजी लाना और एक मजबूत इलेक्ट्रिक व्हीकल इकोसिस्टम तैयार करना है।
इसमें कितना इन्वेस्ट करेगी कंपनी
वर्टेलो को ग्रीन क्लाइमेट फंड से एंकर इन्वेस्टमेंट प्राप्त हुआ है जिसकी वैल्यू लगभग 200 मिलियन डॉलर है कुल मिलाकर कंपनी नेवर तेलों के तहत अगले 10 सालों में लगभग 9.5 मत CO2 e.2 की संभावित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य के साथ 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना भी बनाई है।
इस बीच कंपनी भारत के महत्व कौन सी व्हीकल इलेक्शन टारगेट को भी सपोर्ट करेगी। जिसका मकसद 2030 तक 40% इलेक्ट्रिक बेसन और 70% इलेक्ट्रिक कमर्शियल कारों को डेप्लॉय करना है। कंपनी का नजरिया भारत में मोबिलिटी के लिए भारत सरकार के साथ की आम कनेक्ट कन्वेनिएंट कंजक्शन फ्रीचार्जड क्लीन और कटिंग एज के इर्द-गिर्द घूमने वाले दृष्टिकोण के साथ अच्छी तरह से मिल खाता है।
ऐसे होगा शुरू
वर्टेलो ने प्रमुख भारतीय ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी कंपनी चलो मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक लांग टर्म लीज एग्रीमेंट पर साइन किए हैं इसके तहत भारत में लीडिंग इलेक्ट्रिक बस मैन्युफैक्चरर जेबीएम वर्टेलो को 44 इलेक्ट्रिक बेस सप्लाई करेगा जिन्हें मुंबई में ऑपरेट किया जाएगा। इसके अलावा ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वर्टेलो ने अगले तीन से पांच सालों में हर एक पार्टनर से 2000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए जेबीएम और एक मोबिलिटी सहित कई कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जबकि टाटा मोटर्स के साथ कंपनी ने अगले तीन सालों में 2000 इलेक्ट्रिक कार्य खरीदने के लिए समझौता किया है।
मेक्केरी ग्रुप
मिकेरी ग्रुप ऑस्ट्रेलिया की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और भारत में यह 19 सालों से भी ज्यादा समय से एक्टिव है इसने भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए इक्विटी कैपिटल में 2.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। मिकेरी ग्रुप लगभग 20 सालों से प्रैक्टिकल क्लाइमेट सॉल्यूशन का समर्थन कर रहा है यह अमेरिका नीदरलैंड बेल्जियम और यूनाइटेड किंगडम में भी क्लीन व्हीकल और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रहा है।
क्या है ग्रीन क्लाइमेट फंड
ग्रीन क्लाइमेट फंड अर्थात जीसीएफ GCF दुनिया का सबसे बड़ा क्लाइमेट फंड है जीसीएफ कलेक्शन विकासशील देशों में काम उत्सर्जन जलवायु लचीले विकास मार्गों की दिशा में एक आदर्श बदलाव को बढ़ावा देना है जीसीएफ के पास 250 से ज्यादा प्रोडक्ट्स है इसका 13.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का पोर्टफोलियो 129 से ज्यादा विकासशील देशों में ट्रांसफार्मर क्लाइमेट सॉल्यूशन प्रदान करता है।
जीसीएफ GCF के पास एक कई सपोर्ट प्रोग्राम्स भी है जो निर्माण करने के साथ-साथ देश की जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए लॉन्ग टर्म प्लांस विकसित करने में मदद करते हैं जीसीएफ जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन अर्थात यूएनएफसीसीसी (UNFCCC) के फाइनेंशियल मेकैनिज्म की एक ऑपरेटिंग यूनिट है और 2015 पेरिस समझौते के लिए काम करती है जिसका लक्ष्य औसत वैश्विक तापमान बढ़ोतरी को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे लाना है।